Home Editor Picks Budget 2020-21: बजट भाषण के प्रमुख अंश

Budget 2020-21: बजट भाषण के प्रमुख अंश

0
Budget 2020-21: बजट भाषण के प्रमुख अंश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में केंद्रीय बजट 2020-21 पेश किया। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 48.7 प्रतिशत पर आ गया है। यह मार्च, 2014 में 52.2 प्रतिशत था। उन्‍होंने कहा कि 2014-19 के दौरान औसत वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत से अधिक रही। इस दौरान औसत मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रही।

बजट भाषण की प्रमुख झलकियां

  • वित्तमंत्री ने कहा कि भारत की जनता ने हमारी आर्थिक नीति पर भरोसा किया, इसके लिए हम सभी के आभारी हैं। यह बजट आय सुनिश्चित करने और उनकी क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए है। 2014 से 2019 तक बुनियादी ढांचें में सुधार और समावेशी विकास वृहद स्तर पर किया गया है। अर्थव्यवस्था के मूलभूत आधार मजबूत हैं। मुद्रास्फीति सुनियंत्रित हो गई है। रचनात्मक सुधारों में जीएसटी देश के लिए सकारात्मक रहा।
  • भारत का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवशे 2014-19 के बीच 284 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गया। अर्थव्यवस्था के मूलभूत आधार मजबूत हैं। केंद्र सरकार का ऋण घट कर मार्च 2019 में जीडीपी के 48.7 प्रतिशत पर आ गया। 2006-16 के बीच भारत 271 मिलियन लोगां को गरीबी से ऊपर उठाने का कार्य किया।भारत में डिजिटल क्रांति विश्‍व में एक अनूठे नेतृत्व के रूप में स्थापित हुई।

कृषि एवं ग्रामीण विकास

  • किसानों की आय 2022 तक दुगनी करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। कृषि को प्रतिस्पर्धात्मक बनाकर किसानों की उन्नति सुनिश्चित की जाएगी। पानी की कमी से संबंधित मुद्दे अब देश भर में गंभीर चिंता का विषय हैं।
  • पानी की समस्‍या को दूर करने के लिए 100 जिलों के लिए व्यापक उपाय किए जाने का प्रस्ताव है। देश भर में स्‍टैंड अलोन सोलर पम्‍प के लिए 20 लाख किसान शामिल होंगे।
  • बैकवर्ड लिंकेज के रूप मं ग्राम भंडार स्कीम स्व-सहायता समूहों द्वारा चलाए जाने का प्रस्ताव। दूध, मांस तथा मछली समेत खराब होने वाली खाद्य वस्तुओं की सप्‍लाई चेन को मजबूत करने के लिए किसान रेल चलाई जाएगी।
  • नागर विमानन मंत्रालय अंतर्राष्‍ट्रीय और राष्‍ट्रीय मार्गों पर कृषि उड़ान की शुरुआत होगी। वर्षासिंचित क्षेत्रों में एकीकृत कृषि प्रणाली का विस्तार किया जाएगा।
  • वर्षासिंचित क्षेत्रों में एकीकृत कृषि प्रणाली का विस्तार किया जाएगा। नाबार्ड की पुन: वित्तपोषण स्कीम का विस्तार किया जाएगा। 2025 तक दुग्‍ध प्रसंस्करण क्षमता को दुगना कर 108 मिलियन टन करने का लक्ष्‍य।
  • 2022-23 तक मत्स्य उत्‍पादन बढ़ा कर 200 लाख टन करने का प्रस्‍ताव।
  • मनरेगा को चारागार के रूप में विकसित किया जाएगा। सिंचाई और ग्रामीण विकास के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। जल जीवन मिशन के लिए 3.60 लाख करोड़ रुपए का प्रस्‍ताव।

सवास्थ्‍य के क्षेत्र में

  • स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र के लिए 69 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान। विदेश में शिक्षकों नर्सों चिकित्‍सा सहायकों, कर्मचारियों के कौशल को बेहतर किया जाने की जरूरत।

शिक्षा के क्षेत्र में

  • 2020-21 में शिक्षा क्षेत्र के लिए लगभग 99,300 करोड़ रुपए का प्रस्‍ताव। कौशल विकास के लिए 3 हजार करोड़ रुपए का प्रस्‍ताव। राष्‍ट्रीय पुलिस विश्‍वविद्यालय और राष्‍ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्‍वविद्यालय स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव।

इंफ्रास्ट्रक्चर, रेल, परिवहन

  • पर्यटन स्थलों के लिए तेजस जैसी और ट्रेनें चलेंगी। रेलवे के स्वामित्व वाली भू‍मि पर बड़ी सोलर पावर क्षमता स्‍थापित करने का प्रस्ताव विचाराधीन।
  • मुंबई से अहमदाबाद के बीच हाई-स्‍पीड ट्रेन के कार्य में तेजी लायी जाएगी।
  • हमारे समुद्री बंदरगाहों को और अधिक दक्ष बनाने की जरूरत। अंतर्देशीय जलमार्गों को पिछले पांच वर्षों में काफी आधुनिक बनाया गया है।
  • नदी के किनारों पर आर्थिक क्रियाकलापों को बढ़ावा दिये जाने की योजना।
  • राजमार्गों के विकास में तेजी लायी जाएगी। उड़ान स्कीम को ब़ावा देने के लिए 100 वायुपत्तन तैयार किए जाएंगे।
  • परिवहन अवसंरचना के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए का प्रस्‍ताव।
  • विद्युत एवं नवीनीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में 22 हजार करोड़ रुपए का प्रस्‍ताव।
  • एक लाख पंचायतों को फाइबर टू होम का प्रस्‍ताव।
  • 2020-21 में भारतनेट कार्यकम को 6 हजार करोड़ रुपए आवंटित करने का प्रस्‍ताव।
  • बेंगलुर के सबअर्बन ट्रेन परियोजना को 60 प्रतिशत बजट केंद्र की ओर से। रेलवे स्‍टेशनों का विकास कार्य जारी रहेगा।
  • देश के प्रमुख पर्यटन गंतव्यों के लिए तेजस जैसी ट्रेनें चलायी जाएंगी।
  • 27,000 किमी लंबाई की रेल लाइनों के विद्युतीकरण करने का लक्ष्य।
  • जल्द ही राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति जारी की जाएगी।

औद्योगिक विकास

  • गैस ग्रिड को 16,200 किलोमीटर से बढ़ा कर 27 हजार किलोमीटर करने का प्रस्‍ताव। राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन के द्वारा देश के प्रत्येक नागरिक की जीवनशैली में सुधार लाने का विजन।
  • उद्योग और वाणिज्य के विकास और संवर्धन के लिए 27,300 करोड़ का प्रस्ताव।
  • निजि क्षेत्र को देश भर में डाटा सेंटर पार्क स्‍थापित करने में सक्षम बनाने के लिए नीति लाने का प्रस्‍ताव।
  • नए और उभरते क्षेत्र सहित विभिन्‍न प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में नॉलेज ट्रांसलेशन क्लस्टर स्‍थापित किये जाने का प्रस्‍ताव।
  • राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन का प्रस्ताव रखा गया है। इसके लिए चार साल में 1,480 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। आयात घटाने के मकसद से इस मिशन का प्रस्ताव किया गया है।
  • इस साल से केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों द्वारा निर्यातकों को शुल्कों और करों का डिजिटल तरीके से रिफंड करने की अनुमति होगी।

पर्यटन एवं संस्कृति

  • संस्‍कृति मंत्रालय के लिए 3,150 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे।
  • पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ढाई हजार करोड़ रुपए का प्रस्‍ताव। देश के पांच पुरातत्व धरोहरों का विकास किया जाएगा। ये हैं- राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (यूपी), शिवसागर (असम), धौलविरा (गुजरात), और अदिचनल्लूर (तमिलनाडु)।
  • लोथल में पोत संग्रहालय स्‍थापित किया जाएगा।

जम्मू-कश्‍मीर और लद्दाख के लिए विशेष

  • नवगठित केंद्र शासित राज्‍य जम्मू-कश्‍मीर और लद्दाख के विकास कार्यों के लिए सरकार प्रतिबद्ध।
  • जम्मू-कश्‍मीर के लिए 30,757 करोड़ रुपए और लद्दाख के लिए 5958 करोड़ रुपए आवंटित करने का प्रस्‍ताव।

एमएसएमई के लिए

  • एमएसएमई उद्यमियों के लिए अधिनस्‍थ ऋण प्रदान करने के लिए स्‍कीम का प्रस्‍ताव।
  • सिडबी के साथ एक्जिम बैंक द्वारा 1000 करोड़ रुपए की स्‍कीम शुरू की जाएगी।
  • ऐप आधारित बीजक वित्‍त पोष ऋण उत्‍पाद शुरू किया जाएगा।
  • सरकारी प्रतिभूतियों की कतिपय विनिर्दिष्‍ट श्रेणियां अनिवासी निवेशकों के लिए खोली जाएंगी।
  • बजट के बाद एनबीएएफसी के के लिए आंशिक ऋण गारंटी स्‍कीम तैयार की जाएगी।
  • एमएसएमई के लिये आडिट को लेकर कारोबार सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये किया गया।

आयकर स्लैब

  • 5 लाख तक की आय वालों को आयकर नहीं देना होगा।
  • 5 लाख रुपए से 7.5 लाख रुपए तक की आय पर अब 10 प्रतिशत की दर से आयकर लागू होगा।
  • 7.5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक की आय पर 15 प्रतिशत की दर से आयकर।
  • 10 लाख से 12.5 लाख रुपए तक की आय पर 20 प्रतिशत की दर लागू होगी।
  • 12.5 लाख रुपए 15 लाख रुपए तक की आय पर 25 प्रतिशत की दर से आयकर लगेगा।
  • ‘आधार’ के आधार पर तत्काल पैन के ऑनलाइन आबंटन को लेकर जल्दी ही व्यवस्था शुरू की जाएगी, इसके लिये कोई आवेदन फार्म भरने की जरूरत नहीं होगी।

रोजगार

  • मोबाइल फोन, सेमी कंडक्टर एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विनिर्माण की नयी योजना से भारत वैश्विक विनिर्माण श्रृंखला का हिस्सा बनेगा तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
  • मत्स्यपालन विस्तार कार्य के लिए ग्रामीण युवाओं को ‘सागर मित्र’ बनाया जाएगा। इसके साथ ही 500 मत्स्य किसान संगठन भी गठित किये जायेंगे।

अन्य घोषणाएं

  • अप्रत्यक्ष कर के विवादित कर मामलों में नई ‘विवाद से विश्वास’ योजना की घोषणा, 31 मार्च 2020 तक केवल विवादित कर राशि का ही भुगतान करना होगा, इसके बाद 30 जुन 2020 तक कुछ अतिरिक्त राशि देनी पड़ सकती है।
  • पांच करोड़ रुपये तक के कारोबार करने वाले के खातों के ऑडिट की आवश्यकता नहीं होगी।
  • सहकारी बैंकों को सुदृढ़ बनाने के लिए बैंकिग विनियमन अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव।
  • 22 हजार करोड़ रुपए इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइप लाइन के लिए दिए जा चुके हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस कंपनियों को सपॉर्ट मिलेगा।
  • स्टार्टअप प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए टैक्स में रियायत, लाभ की 100% कटौती के लिए कुल कारोबार की सीमा 25 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़।
  • बड़े नगरों में स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए 4400 करोड़ का आवंटन।
  • अगले साल 22.24 लाख करोड़ रुपये की प्राप्ति का अनुमान, कुल खर्च 30 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान।
  • अगले साल सरकार 5.36 लाख करोड़ रुपये बाजार से उधार लेगी। इसका अधिकतर हिस्सा पूंजीगत खर्चे के लिए होगा।
  • जी-20 की मेजबानी की तैयारी शुरू करने के लिए 100 करोड़ का आवंटन।
  • अर्थव्यवस्था के पहिए को चलायमान रखने के लिए एमएसएमई अत्यंत महत्वपूर्ण।
  • स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिये कर्मचारी शेयर विकल्प के कारण कर्मचारियों पर पड़ने वाले कर बोझ को पांच साल के लिये या उनके कंपनी छोड़े जाने या कंपनी बेचे जाने तक, जो भी पहले, के लिये टाला गया।
  • सहकारी समितियों के लिये 22 प्रतिशत की दर से कर, इसके ऊपर 10 प्रतिशत अधिभार, 4 प्रतिशत उपकर लागू होगा।
  • सरकार का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये एलआईसी में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव है।