Home HOME TOP विश्व के करीब 27 करोड़ से ज्यादा लोग मादक पदार्थों के प्रभाव से ग्रसित-गृह मंत्री

विश्व के करीब 27 करोड़ से ज्यादा लोग मादक पदार्थों के प्रभाव से ग्रसित-गृह मंत्री

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विश्व के करीब 27 करोड़ से ज्यादा लोग मादक पदार्थों के प्रभाव से ग्रसित-गृह मंत्री

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नशीले पदार्थों की तस्‍करी रोकने के संबंध में बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीक और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) सहयोगी देशों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर गृह मंत्री ने कहा कि सभी देशों को मादक पदार्थों की तस्करी के बढ़ते खतरों और विभिन्‍न देशों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम नीतियों से सीख लेकर इन खतरों को समाप्‍त करने के लिए आवश्‍यक सामूहिक कदमों के बारे में बातचीत करने का अवसर है। उन्‍होंने यह भी कहा कि इस दो-द्विवसीय सम्‍मेलन के आयोजन से मादक पदार्थों की तस्‍करी की गंभीर समस्या के निराकरण में बहुत सारे नए रास्ते खुलेंगे।

मादक पदार्थों के सेवन का बढ़ रहा आकड़ा

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत ने बहुत कम समय के अंदर ही देश में नारकोटिक्स कंट्रोल के प्रति कई महत्‍वपूर्ण कदम उठाएं हैं, जिनका सकारात्‍मक प्रभाव सामने आया है। उन्होंने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की कुल आबादी के लगभग 5% लोग मादक पदार्थों के प्रभाव से ग्रसित हैं अर्थात विश्व के 27 करोड़ से अधिक लोग ऐसे पदार्थों की आदतों से घिरे हुए हैं, जो गंभीर चिंतन का विषय है। उन्‍होंने यह भी बताया कि इसमें बहुत तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, साल2009 में आंकड़ा करीब 21 करोड़ था और 10 साल में यह बढ़कर 30% की बढ़ोतरी के साथ 27 करोड़ तक पहुंचा है। नशे के कारण लाखों लोगों की मृत्यु होती है।

विकासशील देशों को मिल कर करना होगा सामना

वहीं मादक पदार्थों का सेवन पूरे विश्व के लिए एक अभिशाप बताते हुए उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों का सेवन स्‍वयं, परिवार, समाज के साथ साथ देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है और देश विरोधी तत्वों के लिए आमदनी का एक बड़ा जरिया बन जाता है। आंकड़े बताते हैं कि पूरे विश्व में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से एक बडी राशि का लेनदेन होता है जिसका उपयोग अवैध सामाजिक गतिविधियों में किया जाता होगा। उनका कहना था कि अफगानिस्तान में होने वाली अफीम की खेती का प्रभाव केवल भारत पर ही नहीं, सभी देशों पर पड़ता है। पिछले वर्ष देश में दक्षिण पश्चिम एशिया के देशों से आने वाली हेरोइन की मात्रा में अत्यधिक बढ़ोतरी हुई है। सभी विकासशील देशों में  शांति, समृद्धि और खुशहाली की राह में बड़ी चुनौतियां हैं जिन्हें मिलकर हल करना होगा और यह हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

आतंकवाद जैसे अपराधों में प्रयोग होता है इस कमाई का पैसा

उन्होंने यहां कहा कि मादक पदार्थों के कारोबार से होने वाली कमाई का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों को अंजाम देने के लिए होता है। अब समय आ गया है कि सभी देश एकजुट होकर इस समस्या से निपटें। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘मैं यह आश्वासन देना चाहता हूं कि भारत मादक पदार्थों के धंधे को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और दुनिया में नशीले पदार्थों पर नजर रखने के लिए अग्रणी भूमिका निभाएगा। इस समस्या से सख्ती से निपटने के लिए भारत कोई कसर नहीं छोड़ेगा।’’ अमित शाह ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रग फ्री इंडिया का जो सपना देखा है वह बहुत सारे देशों को भी फायदा करेगा।

ड्रग व्यापार रोकने के लिए भारत ने उठाए कई कदम

शाह ने बताया कि भारत सरकार ने समस्या के खिलाफ लड़ाई में लगी एजेंसियों के बीच प्रवर्तन और समन्वय गतिविधियों को मजबूत करने के लिए कई पहल की। केंद्रीय और राज्य सरकार दोनों एजेंसियों द्वारा अधिक सामंजस्य पूर्ण और समन्वित कार्यों को स्थापित करने के लिए काम किया जा रहा है। इसके साथ-साथ डिजिटलाइजेशन पर भी जोर दिया जा रहा है। सरकार एनसीबी के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए भोपाल में केंद्रीय अकादमी शुरू करने जा रही है। भारत में इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में जागरूकता करने की पहल की गई है। वर्ष 2019 में भारत ने विभिन्‍न माध्‍यमों से मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम पर कार्यक्रमों का आयोजन किया। भारत इस दिशा में बीटूबी(b2b) कंपनियों के साथ मिलकर कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है ताकि ड्रग व्यापार को रोका जा सके। भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय स्थापित किया है और पिछले 5 वर्षों में भारत ने बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया, म्‍यांमार, सिंगापुर आदि देशों से मादक पदार्थों की तस्करी के मुद्दे पर चर्चा की।

बता दें कि BIMSTEC एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें बंगाल की खाड़ी के बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के अलावा कई सदस्य देश शामिल हैं, जो एक क्षेत्रीय क्षेत्रीय एकता का निर्माण करते हैं। समूचे बिम्‍सटेक क्षेत्र की साझा समृद्धि और आर्थिक विकास के लिए बंगाल की खाड़ी के जरिए क्षेत्रीय समुद्री कनेक्टिविटी और व्यापार जरूरी है। हालांकि, बिना किसी बाधा के समुद्री पहुंच प्रदान करते समय, समुद्री और तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एक खतरा हैं। इस तरह की चुनौतियों में सबसे प्रमुख समुद्र के रास्‍ते मादक पदार्थों की तस्करी। यह समुद्र में सहयोगी प्रयासों की आवश्यकता है, जिसमें इस खतरे से निपटने के लिए भागीदार देशों के बीच संचालन और सूचना साझा करने में प्रभावी समन्वय को और मजबूत करना शामिल है।