संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबूधाबी में पहले हिंदू मंदिर के निर्माण का महत्त्वपूर्ण पड़ाव पूरा हो गया अधिकारियों ने बताया कि निर्माणधीन मंदिर की नींव को पहली बार कांक्रीट से भरने का कार्य पूरा कर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में संयुक्त अरब अमीरात में दुबई के ओपेरा हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) मंदिर की आधारशिला रखी थी।
यूएई जहां करीब 30 लाख भारतीय रहते हैं, वहां गुरुवार को एक समारोह बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर संस्थान के वरिष्ठतम पुजारी ब्रह्मविहारी दास द्वारा आयोजित किया गया, इस दौरान मंदिर में भारत और यूएई के तरक्की के लिए विशेष प्रार्थनाएँ की गईं। इस मौके पर भारत में यूएई के राजदूत पवन कपूर और दुबई के महावाणिज्यदूत विपुल भी भारतीय व्यापार समुदाय के अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ उपस्थित थे।
मंदिर से जुड़ी खास बातें
- यूएई की राजधानी अबूधाबी में बन रहा यह पहला हिंदू मंदिर है।
- इस मंदिर के निर्माण में किसी भी प्रकार के इस्पात का प्रयोग नहीं किया जाएगा। यहां तक लोहे या उससे बनी सामग्री का इस्तेमाल भी नहीं होगा।
- मंदिर का निर्माण भारत की पारंपरिक मंदिर वास्तुकला के तहत किया जा रहा है।
- नींव को मजबूती देने के लिये फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया जाएगा। आपको बता दें कि बिजली घरों में कोयला जलने के बाद जो राख निकलती है उसे फ्लाई ऐश कहते हैं।
- फ्लाई ऐश का ज्यादातर उपयोग कंक्रीट में सुदृढीकरण के रूप में किया जाता है। जो फ्लाई ऐश पर्यावरण को दूषित करती, उसका प्रयोग मंदिर निर्माण में हो रहा है।
- फ्लाई ऐश के इस्तेमाल से मंदिर का कंक्रीट और अधिक मजबूत होगा। इसके टिकाउपन को दुरुस्त भी करेगा।
- इस मंदिर के निर्माण के लिए भारत में 3,000 कारीगर काम कर रहे हैं।
- मंदिर में लगाई जाने वाली मूर्तियों व दीवारों के लिए 5000 टन इटालियन मार्बल से नक्काशीदार चिह्न और मूर्तियां बना रहे हैं।
- मंदिर का बाहरी हिस्सा 12,250 टन गुलाबी बलुआ पत्थर से बना होगा।
- भारतीय यूएई की कुल आबादी का 30% हिस्सा बनाते हैं। भारत के अधिकांश प्रवासी हिंदू हैं।
- अबूधाबी में अल वाथबा में स्थित यह मंदिर 20,000 वर्ग मीटर में फैला होगा।