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गृहमंत्री ने कहा सीएए पर विपक्ष द्वारा अफवाहों के कारण हुई हिंसा

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गृहमंत्री ने कहा सीएए पर विपक्ष द्वारा अफवाहों के कारण हुई हिंसा

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर पूरे देश की जनता से अपील की है कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर फैलाई जा रही अफवाहों पर विश्‍वास ना करें। उन्‍होंने कहा कि हाल के दिनों में देश भर में हुई हिंसा विपक्ष द्वारा फैलाए गए झूठ और अफवाहों के कारण हुई।

अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल तथा वामपंथियों को चुनौती दी कि वे सीएए में एक भी ऐसा प्रावधान दिखा दें जो देश के मुसलमानों से उनकी नागरिकता छीनती हो। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस नए कानून का लक्ष्य लोगों को नागरिकता देना है, उनसे नागरिकता छीनना नहीं।

गुजरात पुलिस की विभिन्न परियाजनाओं के उद्घाटन के लिए आयोजित समारोह में शाह ने आरोप लगाया, “विपक्ष के पास और कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे सीएए के बारे में झूठ और भ्रम फैला रहे हैं। इस कारण पूरे देश में अराजकता का माहौल बन गया है।”

उनका बयान सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर पूरे देश में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच आया है।

 

गृहमंत्री ने कहा, “धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को अपनी सुरक्षा के लिए भारत आना पड़ रहा है। लेकिन, पिछली सरकारों ने उन लोगों को यह सोच कर कोई सुविधा नहीं दी कि इससे दूसरे नाराज होंगे।”

शाह ने कहा, “राहुल, ममता, केजरीवाल और वामपंथी अफवाहें फैला रहे हैं कि सीएए मुसलमानों की नागरिकता छीन लेगा। मैं उन्हें कानून में ऐसा कोई भी प्रावधान दिखाने की चुनौती देता हूं।”

गृह मंत्री ने कहा, “मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि वे घर-घर जाएं और सीएए के खिलाफ फैलाए गए झूठ और भ्रम का पर्दाफाश करें। चूंकि वर्तमान में राजनीति में मोदीजी का कोई विकल्प नहीं है, विपक्ष झूठ फैला रहा है।”

उन्होंने कहा, “हमारे पास लोगों को सच समझाने की ताकत है। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि वे घर-घर जाकर लोगों को कानून से होने वाले लाभ के बारे में बताएं। हमारा अभियान पूरा होने के बाद देश के लोग सीएए के महत्व को समझेंगे।”

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में कोई हिंसा नहीं हुई है और तब से अब तक वहां किसी की मौत नहीं हुई है।

गौरतलब है कि संसद ने पांच अगस्त को एक विधेयक पारित कर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों… जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया।

भाजपा अध्यक्ष शाह ने कहा, “विपक्ष के कुछ नेताओं ने संसद में दावा किया था कि (अगर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटा तो) खूब-खराबा होगा। ऐसे बयान रिकॉर्ड में दर्ज हैं। लेकिन जनता ने ऐसे नेताओं को उचित उत्तर दिया। अनुच्छेद 370 हटने के बाद से एक व्यक्ति की भी मौत नहीं हुई है।”

अपराध से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए गुजरात के गृह विभाग और राज्य पुलिस की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि तकनीक के अधिकतम इस्तेमाल से अपराध को कम करने में मदद मिल सकती है। शाह गुजरात में नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान राज्य के गृह मंत्री रह चुके हैं।